हमेशा की भांति शिक्षक प्रशिक्षण में सतत नवाचार पर ज़ोर देने के उद्देश्य से दिनांक 4/8/18 को शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (सी .टी. ई)रायपुर के सभागार में जे .कृष्णमूर्ति द्वारा लिखित पुस्तक शिक्षा क्या है के कंटेंट का मंचन एम .एड प्रथम वर्ष के छात्राध्यापको द्वारा किया गया|
शिक्षा में भय,तुलना और असुरक्षा की भावना को कभी भी स्वीकार नही किया जा सकता ये बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी कल थीं; इसको दिखाने के उद्देश्य से ये नवाचार किया गया जिसमें छात्राध्यापको ने ही शिक्षाविद,मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्री,सामाजिक कार्यकर्ता और प्रयोजन अधिकारी की भूमिका निभाई
उक्त मंचन को एक गरिमामय परिचर्चा के रूप में प्रस्तुत किया गया जिसका निर्देशन ,संवाद लेखन और तकनीकी कार्य सभी को स्वयं छात्राध्यापको ने अंजाम दिया और पूरे सभागार को एक लाइव परिचर्चा का जीवंत रूप दे दिया।
परिचर्चा के अंत मे महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ डी .एन. पाणिग्रही ने छात्राध्यापको के इस प्रयास की काफी सराहना की और डॉ डी .के .बोदले ने शिक्षा को आज के परिद्श्य में समझने और इस पर चिंतन कर पुनः परिभाषित करने की बात कही