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महाविद्यालय में ट्रांसजेण्डर पर दिनांक 10.04.2017 को कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें ट्रांसजेण्डर बोर्ड की सदस्य विद्या राजपूत सोनी एवं रवीना बरिहा ने टाªंसजेण्डर से जुड़ी बातों पर चर्चा कि तथा इनसे जुड़े मिथकों को वास्तविकता के प्रकाश लाया। विद्या राजपूत सोनी ने ट्रांजेण्डर की व्यथा को बताते हुए अपने शून्य से शिखर तक की यात्रा में आयी बाधाओं एवं उन बाधाओं पर विजय की कहानी बताई उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य को पूरे देश में ट्रांसजेण्डर के लिए सबसे संवेदनशील राज्य की संज्ञा दी। इसके बात रवीना बरिहा ने ट्रांसजेण्डर के महत्ता को वैदिक काल से लेकर वर्तमान युग के संदर्भ में भलीभाती स्पष्ट किया। वक्ताओं ने उपस्थित बी.एड. एवं एम.एड. प्रशिक्षार्थियों से अपने विद्यालयों में ट्रांसजेण्डर के प्रति पूर्ण संवेदशीलता अपनाने की बात कही उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में ट्रांसजेण्डर बोर्ड का गठन एवं उसके कार्यो जैसे कौशल विकास, पार्लर, कुकिंग व प्लेसमेंट के क्षेत्र में ट्रांसजेण्डर के लिए किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। अंत में उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई समता की हैं एवं भाषा, पद, क्षेत्र, रंग, वेशभूषा, जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव को दूर करने एवं ट्रांसजेण्डर के व्यक्तित्व के संरक्षण की अपील की। उक्त कार्यक्रम में प्राचार्य डाॅ. योगेश शिवहरे, कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती वाय. महाड़िक, समस्त आचार्य गण एवं बी.एड. तथा एम.एड. के प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे।


दिनांक 25/03/2017 को शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय में ख्यातिलब्ध मनोचिकित्सक डाॅ. प्रमोद गुप्ता द्वारा प्रेरक उद्बोधन दिया गया सत्र में डाॅ. गुप्ता ने अर्जित गुणों की महत्ता बताते हुए बहुत ही रोचक ढंग से ज्ञान की तथा व्यवहार का फार्मूला बताया। उन्होंने सकारात्मक सोच को जीवन विकास का सबसे बड़ा कारण बताया।
डाॅ. गुप्ता ने महाविद्यालय के सभी छात्राध्यापकों को मानसिक शान्ति बनाए रखने के गुर बताए। डाॅ. गुप्ता ने महाविद्यालय के प्रबंधन की तथा प्राचार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
भगवान शिव तथा उनके परिवार का उदाहरण देत हुए उन्होंने विभिन्नताओं के संतुलन की बात समझाई।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने धैर्य को शिक्षकों का सबसे बड़ा हथियार बताया। और यह कहा कि सारे समाज की अपेक्षा उनसे ही है। इस दौरान उन्होंने बालकों के जीवन की विविध अवस्थाओं में इनके संतुलन के उपाय बताए।
सत्र के अंत में छात्राध्यापकों के द्वारा पूछे गए मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान डाॅ. गुप्ता ने बड़े ही रोचक एवं अनोखे ढंग से दिया।
कार्यक्रम के अंत में संस्था के सहायक प्राध्यापक श्री के.के. शुक्ला ने आभार प्रदर्शन किया।




महाविद्यालय में यातायात जागरूकता कार्यक्रम दिनांक 24/03/2017
महाविद्यालय में आज दिनांक 24/03/2017 को रोटरी क्लब, रायपुर के श्री पारिक द्वारा यातायात जागरूकता पर 40 मिनट का प्रस्तुतीकरण कर यातायात नियमों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने का सराहनीय प्रयास किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य, समस्त संकाय सदस्य एवं बी.एड. तथा एम.एड. के प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे।




महाविद्यालय में लर्निंग कैम्प का आयोजन दिनांक 28/02/2017
दिनांक 28/02/2017 को वार्षिक पुरस्कार वितरण 2016-17 का आयोजन किया गया जिसमें सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में आयोजित सांस्कृतिक प्रतियोगिता, क्रीडा प्रतियोगिता के प्रतिभागियों तथा महाविद्यालय के छात्रसंघ के पदाधिकारियों एवं विभिन्न महाविद्यालयीन गतिविधियों में सम्म्लिित प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही प्रारंभिक विद्यालय के बच्चों को खेल तथा मनोरंजनात्मक तरीकों से कैसे सीखाया जाए इसके लिए लर्निंग कैम्प का आयोजन किया गया था। लर्निंग कैम्प में धरसीवां विकासखण्ड के 30 प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालय को शामिल किया गया था।
इन विद्यालयों के 60 शिक्षक एवं 240 बच्चे 61 स्टाॅलों का संचालन कर रहे थे। अलग-अलग स्टाॅलों पर अलग-अलग विषयवस्तु से संबंधित अवधारणाओं को मनोरंजनात्मक तरीके से स्पष्ट किया जा रहा था।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री केदार कश्यप मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग छ.ग. शासन थे। जिन्होंने लर्निंग कैम्प की काफी सराहना की, एस.सी.ई.आर.टी. के संचालक श्री सुधीर कुमार अग्रवाल ने भी काफी सराहना की तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. योगेश शिवहरे ने इस कार्यक्रम को पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में विस्तार करने की मंशा जाहिर की। महाविद्यालय के सांस्कृतिक प्रभारी डाॅ. श्रीमती सीमा अग्रवाल द्वारा कार्यक्रम का सुचारू रूप से संचालन किया गया एवं प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरण का कार्य करवाया गया।




महाविद्यालय में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह दिनांक 28/02/2017
दिनांक 28/02/2017 को वार्षिक पुरस्कार वितरण 2016-17 का आयोजन किया गया जिसमें सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में आयोजित सांस्कृतिक प्रतियोगिता, क्रीडा प्रतियोगिता के प्रतिभागियों तथा महाविद्यालय के छात्रसंघ के पदाधिकारियों एवं विभिन्न महाविद्यालयीन गतिविधियों में सम्म्लिित प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही प्रारंभिक विद्यालय के बच्चों को खेल तथा मनोरंजनात्मक तरीकों से कैसे सीखाया जाए इसके लिए लर्निंग कैम्प का आयोजन किया गया था। लर्निंग कैम्प में धरसीवां विकासखण्ड के 30 प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालय को शामिल किया गया था।
इन विद्यालयों के 60 शिक्षक एवं 240 बच्चे 61 स्टाॅलों का संचालन कर रहे थे। अलग-अलग स्टाॅलों पर अलग-अलग विषयवस्तु से संबंधित अवधारणाओं को मनोरंजनात्मक तरीके से स्पष्ट किया जा रहा था।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री केदार कश्यप मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग छ.ग. शासन थे। जिन्होंने लर्निंग कैम्प की काफी सराहना की, एस.सी.ई.आर.टी. के संचालक श्री सुधीर कुमार अग्रवाल ने भी काफी सराहना की तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. योगेश शिवहरे ने इस कार्यक्रम को पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में विस्तार करने की मंशा जाहिर की। महाविद्यालय के सांस्कृतिक प्रभारी डाॅ. श्रीमती सीमा अग्रवाल द्वारा कार्यक्रम का सुचारू रूप से संचालन किया गया एवं प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरण का कार्य करवाया गया।






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